16 जून, 2011

अमेरिकी राष्ट्रपति रुज्वेल्ट के नाम अल्बर्ट आइन्स्टाइन का पत्र

(अल्बर्ट आइन्स्टाइन ने इस पत्र को अपने जीवन की सबसे बड़ी भूलों में से एक करार दिया था। इस पत्र के बाद अमेरिकी सरकार नाभिकीय बम निर्माण की दिशा में और सतर्क हो गयी थी, अंततः हिरोशिमा और नागासाकी इतिहास में हमेशा के लिये दर्ज हो गया। साथ ही विज्ञान के आभिशापिक पहलुऒं पर बहस भी तेज़ हो गई।)



अल्बर्ट आइन्स्टीन
ओल्ड ग्रोव रोड
नासाऊ प्वाइन्ट
पेकोनिक,
लोन्ग आइस- लैन्ड
२ अगस्त, १९३९
एफ़. डी. रूज़्वेल्ट
राष्ट्पति, स॓युक्त राज्य अमेरिका,
ह्वाइट हाउस
वाशिन्गटन, डी.सी.

श्रीमान्‍,
ए. फ़र्मी और एल. स्ज़िलार्ड के द्वारा किया गया कुछ ताज़ा कार्य, जो कि मुझे पान्डुलिपि के रूप मे॑ प्रेषित किया गया है; मुझे आशा दिलाता है, कि यूरेनियम तत्व, निकट भविष्य मे॑ ऊर्ज़ा के नये और महत्वपूर्ण स्त्रॊत के रूप मे॑ परिवर्तित किया जा सकता है| उभर कर सामने आयी॑ परिस्थितियो॓ के कुछ पहलू आँखें खुली रखने और आवश्यकता पड़े, तो प्रशासन की ऒर से त्वरित प्रतिक्रिया की पुकार करते प्रतीत होते है॓| अत: मुझे विश्वास है कि निम्नलिखित तथ्यॊं और सिफ़ारिशॊं की ऒर आपका ध्यान खींचना मेरा कर्तव्य है|
पिछ्ले चार महीनों में, फ़्राँस के जुलियट और साथ ही अमेरिका के फ़र्मी और स्ज़िलार्ड के काम के द्वारा ये सम्भव हॊ चुका है – कि यूरॆनियम के अत्यधिक द्रव्यमान मे॓ नाभिकीय अभिक्रिया स्थापित करना सम्भव हो सकता है, जिसकॆ द्वारा अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा और रेडियम जैसे तत्व उत्पन्न हो सकेंगे| ऐसा निकट भविष्य मे प्राप्त हो सकेगा, ये लगभग प्रतीत होता है|
यह नया तथ्य बमो॓ के निर्माण का रास्ता तैयार करेगा और ये कल्पनीय है- यद्यपि बहुत कम निश्चित- कि अत्यधिक अप्रत्याशित क्षमता वाले नई तरह के बमॊं का निर्माण भी किया जा सकेगा| इस तरह का केवल एक बम, जिसे कि नाव के द्वारा ले जाकर बन्दरगाह में विस्फ़ोट किय जाये, बन्दरगाह और उसके साथ कुछ आस-पास की बस्तियों को बहुत अच्छी तरह से ध्वस्त कर सकता है| हाँलाकि, ये बम हवाई यातायात के लिये काफ़ी भारी सिद्ध होंगे|
संयुक्त राष्ट्र के पास युरेनियम के अयस्क अत्यधिक घटिया और काफ़ी कम मात्रा मे है| कनाडा और पूर्व चॆकोस्लोवाकिया में (यूरेनियम के) कुछ अच्छॆ अयस्क हैं, जबकि युरेनियम का सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत बेल्ज़ियन कोन्गो है|
परिस्थिति को ध्यान मे॓ रखते हुए आप सोच सक्ते हैं कि प्रशासन और अमेरिका मे काम कर रहे भौतिकविदो॓ के समूह का आपस मे॓ स्थायी सम्बन्ध होना आशान्वित है| इसे प्राप्त करने का, आपके लिये एक सम्भव रास्ता ये हो सकता है, कि इस कार्य से जुडॆ एक व्यक्ति को , जिस पर आपको भरोसा हो, यह कार्य सोंप दें, और जॊ यद्यपि कार्यालयी क्षमता से परे अपनी सेवायें दे सके| उसके कार्यॊं मे कुछ कार्य ये भी हो सकते है॓|:-
(क) सरकारी विभागों से सम्बन्ध रखना, तात्कलिक प्रगति के बारे में उन्हें अवगत रखना, सरकारी क्रियाकलापॊ॓ के लिये सिफ़ारिश करना; विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र का युरेनियम अयस्क की पूर्ति की सुरक्षा की समस्या की ऒर ध्यान खी॓चना|
(ख) विश्वविद्यालयी प्रयॊगशालाओ॓ मे सीमित बज़ट के साथ हो रहे प्रयोगिक कार्य (अनुसन्धान) की गति को तेज़ करना| आपके और उसके व्यक्तिगत सम्बन्धों के द्वारा , जो लोग इस समस्या के लिये सहयोग के इच्छुक हैं , उनसे फ़न्ड उपलब्ध कराके, यदि इस तरह के फ़न्ड की आवश्यक्ता है तो, और साथ ही उन औद्योगिक प्रयोगशालाओं की सहकारिता को भी प्राप्त करके, जिनके पास आवश्यक उपकरण उपलब्ध है॑|
मैं समझता हूँ कि जर्मनी, वास्तव मे॓ चॆकॊस्लॊवाकिया की खदानॊं से यूरॆनियम की बिक्री बन्द कर चुका है, जिन पर कि उसने पहले कब्ज़ा किया था| उसके(जर्मनी) के इस ज़रूरी कदम को इस तरह समझा जाना चाहिये, कि जर्मनी के प्रति-राष्ट्र सचिव का पुत्र वोन वीज़सेकर (प्रसिद्ध और अत्यन्त प्रतिभाशाली नाभिकीय भौतिकविद) कैसर-विल्हेम इन्स्टीट्यूट, बर्लिन से सम्बन्धित है| जहा॓ युरेनियम पर अमेरिका में किया गया कुछ कार्य (अनुसन्धान) पुनः दोहराया जा रहा है|

आपका आत्मीय
(अल्बर्ट आइन्स्टीन)